उत्तराखंड की वादियों में खो गई थीं लता मंगेशकर...और निकले ये अद्भुत सुर जब उत्तराखंड की वादियों में खो गई थीं लता मंगेशकर...और निकले ये अद्भुत सुर !
पहाड़ी फल्टूलता मंगेशकर
 
क्या आपने कभी ‘मन भरमेगी’ गाना सुना है ? अगर नहीं सुना है तो जरूर सुन लीजिए। ये उत्तराखंड का वो गाना है, जिसे सुरों की साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने गाया था। इस गाने में दिखाया गया है कि किस तरह से उत्तराखंड बेहतरीन वादियों से भरा है। इस गाने को गाकर लता मंगेशकर ने साबित कर दिया था कि उत्तराखंड की भूमि को लेकर उनके दिल में कितना प्यार है। इससे पहले लता एक इंटरव्यू में बता चुकी हैं कि उन्हें देवभूमनि से कितना प्यार है। यहां तक कि लता ने कहा था कि उनका मन है कि वो भी देवभूमि में घर बसाकर रहें। ये गाना बेहद पुराना है और इसे लता मंगेशकर ने अपने सुरों से सजाया है। साफ पता चलता है कि लता को भी उत्तराखंड की वादियों से बेहद प्यार है। आप भी एक बार इस वीडियो को जरूर देखिए।

 
इस गाने में दिखाया गया है कि किस तरह से उत्तराखंड की हसीन वादियों में हर कोई खो जाता है। ‘मन भरमेगी मेरी सुध बुध ख्वेगी, सुण तेरी बांसुरी धुन’ । इस गाने में पहले एक मधुर सी बांसुरी की आवाज बजती है। इसके बाद इस गाने में एक लड़की आती है और कहती है कि आखिर कौन है वो, जो इन हसीन वादियों में इतनी प्यारी सी बांसुरी बजा रहा है। इस गाने में वो सब कुछ दिखाया गया है, जो उत्तराखंड की खूबसूरती को बयां करता है। कुल मिलाकर कहें तो हर लिहाज से ये गाना हर उत्तराखंडी के लिए बेहतरीन है। देखा जा रहा है कि उत्तराखंड की तरफ अब बड़े से बड़े बॉलीवुड स्टार रुख कर रहे हैं। हमने हाल ही में आपको दिखाया था कि किस तरह से बॉलीवुड के बड़े अभिनेता उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कह रहे हैं।

लता मंगेशकर ने यूं तो कई हिंदी गीतों में अपनी आवाज़ दी , हिंदी के अलावा कई ऐसी भारतीय भाषाएँ भी रही जिसमें हम उनकी आवाज़ का आनंद उठा सकते हैं .कई बार हैरानी होती है कि उस भाषा कि समझ न होने पर भी कोई गायक /गायिकी कैसे इतनी आसानी से उस गाने को न सिर्फ गा जाती है ,बल्कि ये एहसास भी नहीं होने देतीं कि उस भाषा कि उसे समझ नहीं .

फिलहाल  गड्वाली ज़ुबान का एक एक गीत.

मन भरमैगे मेरी...सुधबुध ख्वेगे,

मन भरमैगे मेरी...सुधबुध ख्वेगे,

सुणी तेरी बां-सु-री सुर,

सुणी तेरी बांसुरी सुर,

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!

Arranged_ Manmohan Bhatt

भौंरा... पुतला फूल छोड़ीक,

चखुला अपणा घोल छोड़ीक

रंगमत ह्वेकि ऐ गिना तेरी धुन सुणीक,

रंगमत ह्वेकि ऐ गिना तेरी धुन सुणीक,

सुरीली धुन सुणीक

गोरू-बखरों की टोली कट्ठी हुण लेगे

गोरू-बखरों की टोली कट्ठी हुण लेगे

सुणी तेरी बांसुरी सुर

सुणी तेरी बां-सु-री सुर

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!


डाली बोटी सभी झूमी–झूमी क

धरती पे देखा चूमी-चूमी क

ने मौल्यार लेंण लगिनी

तेरी धुन सुणी क

ने मौल्यार लेंण लगिनी

तेरी धुन सुणी क

रसीली धुन सुणीक

हिवांली कांठी ह्युं गलण लेग्ये

हिवांली कांठी ह्युं गलण लेग्ये

सुणी तेरी बांसुरी सुर

सुणी तेरी बां-सु-री सुर

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!


कोंपाली फून्क्यूँ मा मूल मूल

हेंसण लेगिन बणी तें फूल

मठु मठु हवा चलण लग्ये

सुण बांसुरी सुर

मठु मठु हवा चलण लग्ये

सुण बांसुरी सुर

सुण बांसुरी सुर

गाड गदिन्यु स्वीन्स्याट

कम होण लगी

गाड गदिन्यु स्वीन्स्याट

कम होण लगी

सुणी तेरी बांसुरी सुर

सुणी तेरी बां-सु-री सुर

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!

बण मा सुरे-सुर बांसुरी...

बण मा सुरे सुर !!